भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन यात्रा या पश्चाताप् यात्रा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में परिवर्तन यात्रा का आयोजन किया गया। परन्तु आम जनता को इस बात का पता नहीं था कि उस यात्रा का नाम परिवर्तन यात्रा केवल जनता के लिए रखा गया था। क्योंकि यह भारतीय जनता पार्टी की पश्चाताप् यात्रा थी। सभी नेता अपने पाप इस यात्रा के जरिये धुलवाना चाह रहे थे। जनता से इस यात्रा के बहाने माफी मांग कर अपने पापों के लिए क्षमा याचना करना चाहते थे।
भारतीय जनता पार्टी के इन सभी महानुभावों ने पिछली सरकारों में उत्तराखण्ड को जितना मौका लगा उतना लूटा, ये लोग फिर से उत्तराखण्ड को लूटने के उद्देश्य से 2017 के चुनावों में आपसे वोट मांगने आ रहें है, अब हम सब उत्तराखंडियों का कर्तव्य है की इन्हें सही सबक सिखाएं।
अगर भारतीय जनता पार्टी की लूट-खसोट की बात करें और पिछला ब्यौरा देखें तो बेहिसाब खजाना लूटा है भाजपा ने। कुर्सी हाथ आने के बाद बदसलूकी पर उतर आये थे। जनता से बात करने की तमीज भी भूल गये हैं भाजपा के नेता। दूसरी भाषा में कहें तो अगर भाजपा चाहे तो जनता को चींटी समझते हुये खुद को हाथी मान कर कुचलना पसंद करे। परन्तु भाजपा को इतना भी इतना भी भी समझ लेना चाहिए कि अगर चींटी भी चाहे तो हाथी को मौत के घाट उतार थे। तात्पर्य है कि जनता को परेशान न करो भाजपा के नेताओं, अगर जनता तैश में आ गयी तो कहीं की नहीं रहेगी भारतीय जनता पार्टी।
खैर परिवर्तन यात्रा अर्थात पश्चाताप् यात्रा की बात करें तो भाजपा नेता बेहद ही दुखी और शर्मशास हैं अपने कर्मों से। अजय भट्ट ने पुरोहित समाज का अपमान किया है। इन चुनावों में जनता अजय भट्ट को जरूर सजा देगी। दूसरी तरफ हरबंश कपूर ने भी गरीब जनता के साथ दुर्व्यवहार किया और सभी के साथ बेरहमी से पेश आये। हरक सिंह रावत चुनावी सत्ता पाने के बाद महिलाओं को भूल गये और सम्मान की जगह उनका अनादर किया। साथ ही साथ हरक सिंह रावत ने 107 बीघा जमीन हड़प ली और किसानों के बीज का घोटाला भी किया। इससे भी काम न चला तो करोड़ों रूपये का पॉली हाउस घोटाला किया। जनता भूली नहीं है, इस चुनाव में सारा हिसाब चुकाया जाएगा इन नेताओं के साथ।
इतना ही नहीं, रामनगर विधायक अमृता रावत ने भी करोड़ों का पॉली हाउस घोटाला किया। विजय बहुगुण ने करोड़ों रूपये का आपदा में घोटाला किया, साथ ही साथ 100 करोड़ रूपये का पुल बनाने में घोटाला कर डाला। दूसरी तरफ लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने हरिद्वार में संतों के साथ अभद्र व्यवहार किया। किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने भी कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने गरीबों से अभद्र व्यवहार और अपने क्षेत्र में गुण्डागर्दी का माहौला बनाया। राजनीति में आगे बढ़ने के लिए गणेश जोशी ने एक जानवर को भी नहीं छोड़ा। संक्षिप्त में देखें तो उन्होंने एक घोड़े ‘शक्तिमान’ पर अत्याचार किया, जिससे कि घोड़े की टांग टूट गयी और अंततः उसकी मृत्यु हो गयी।
मामले में आगे नजर डालें तो हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने भी कारोबारियों के साथ धोखाधड़ी की और ऋषिकेश विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने न जनता के हित देखे, न उनकी समस्यायें सुनी मगर जनता का अपमान जरूर किया। अब चुनाव के समय में सिर झुकाओगे तो जनता सिर ही फोड़ेगी, वोट थोड़ी ही देगी। आगे चलें तो रूड़की विधायक ने भी कोई कमी नहीं की, बल्कि एक अवैध कॉम्पलैक्स का निर्माण करवा दिया। रमेश पोखरियाल निशंक ने अपना जीवन एक शिक्षक से शुरू किया। फिर चुनावी बाजार में आ धमके और हरिद्वार में अर्धकुम्भ घोटाला कर डाला। छोटी बात तो है ही नहीं कि 181 करोड़ का घोटाला करके विदेशी बैंकों में जमा करवा दिया। निशंक का काम 181 करोड़ से भी नहीं चला तो एनआरएचएम घोटाला कर डाला और 600 करोड़ रूपये डकार लिये।
बहरहाल, ऐसी पार्टी का होगा भी क्या जो जनता के खजाने को अपनी तिजोरी में डाल रहे हों। रानीपुर विधायक आदेश चौहान राजनीति में क्या आए, जैसे की अब वो ही हैं, कोई और तो उनके सामने कुछ भी नहीं। इन्होंने भी अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करते हुये पुलिसवालों के साथ बदसलूकी की। वहीं दूसरी ओर लंढौरा विधायक प्रणव सिंह चैम्पियन ने भी दादागिरी का सबूत दिया और साम्प्रदायिक दंगों को भड़काने का कार्य किया। गदरपुर विधायक अरविंद पाण्डे ने एक छोटा सा उदारण पेश कर दिया और नायब तहसीदार के साथ मारपीट कर दी।
हालांकि भाजपा ने अपने अनोखे कारनामे जनता के सामने प्रस्तुत किया है। वहीं दूसरी तरफ लैंसडौन विधायक दिलीप सिंह रावत और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने भी अपने कारनामों से जनता में प्रभाव छोड़ा। इन्होंने इन्टरनेशनल एग्रीकल्चर, फूड एण्ड हार्टीकल्चर एक्सपो में फर्जीवाड़ा कर डाला। यह सोचते हैं कि जनता अंधी है परन्तु क्या इनको इतना भी नहीं पता कि जनता सब देखती है और आने वाले चुनावों में इनको गिन गिन के सजा देगी।